थोड़ा कुछ खाने के बाद मैं घर से निकल आया था, माँ से पहले मेरे आँखों में पानी आ गया था थोड़ा कुछ खाने के बाद मैं घर से निकल आया था, माँ से पहले मेरे आँखों में ...
मैंने देखा था जब वो रोटी छिपा के लाती थी मुश्किल और गरीबी में भी मुझे भर पेट खिलाती थी मैंने देखा था जब वो रोटी छिपा के लाती थी मुश्किल और गरीबी में भी मुझे भर पेट ...
अम्मा तेरा आंचल कितनी ही कहानी कहती है कुछ भूल गया हूं कुछ कुछ याद है वह पल। अम्मा तेरा आंचल कितनी ही कहानी कहती है कुछ भूल गया हूं कुछ कुछ याद है...
बड़ी होती हुई बेटी को देख माँ के मन में किस तरह के भाव आते हैं, वह इस कविता में दर्शाए गए हैं। बड़ी होती हुई बेटी को देख माँ के मन में किस तरह के भाव आते हैं, वह इस कविता में द...
बेटियों की वर्तमान स्थिती को बंया करती कविता। बेटियों की वर्तमान स्थिती को बंया करती कविता।
बेटी की शक्ति को पहचाना। जीवनदायिनी बता उसको, फिर मां ने ऐसे पाला था।। बेटी की शक्ति को पहचाना। जीवनदायिनी बता उसको, फिर मां ने ऐसे पाला था।।